मन परमात्मा को समर्पित कर दो

images 93

मन पर विचार न करके हमे परमात्मा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भगवान के जीवन चरित्र को पढते हुए भगवान के भाव में  खो जाए। मन क्या कर रहा है मै मेरे मन को पवित्र बना लु फिर मै भगवान को भज लुगां में नहीं फसना है। मै भगवान को भजता हूं तब भगवान ही मेरी सार सम्भाल करेंगे। इस मन को पकड़ कर रखना भी भगवान का ही काम है। मेरा काम श्री हरि के साथ सम्बन्ध बनाना है ।श्री हरि के प्रेम में डुब कर भगवान को अनेकों भाव से रिझाते हुए आनंद मगन होना है। अन्य सब की चिंता भगवान को सोंपते हुए हर परिस्थिति में आन्नद मगन होना है। मेरा भगवान मेरे अन्तर्मन में बैठा देख और सुन रहा हैं। वह मुझे अवस्य ही पका बनाने के लिए कटिले रस्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है। अवश्य ही इसमें मेरी बङी भलाई छुपी हुई है।भगवान पर विस्वास हमे इधर उधर भटकने नहीं देता है। जय श्री राम
अनीता गर्ग



Instead of thinking on the mind, we should focus on God. While reading the life character of God, get lost in the feeling of God. What is the mind doing, I should make my mind pure, then I do not have to get caught in worshiping God. I worship God, then only God will take care of my essence. It is also the job of God to hold this mind. My job is to have a relationship with Shri Hari. Immersed in the love of Shri Hari, I have to be happy while wooing the Lord with many expressions. The concern of all others is to be happy in every situation while entrusting it to God. My God is sitting in my conscience, watching and listening. He inspires me to walk the thorny road just to make me cooked. Surely my great goodness is hidden in this. Faith in God does not allow us to wander here and there. Long live Rama Anita Garg

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *