हे दुःख भन्जन, मारुति नंदन,
सुन लो मेरी पुकार !
पवनसुत विनती बारम्बार।।
अष्ट सिद्धि नव निद्दी के दाता,
दुखिओं के तुम भाग्यविदाता।
सियाराम के काज सवारे,
मेरा करो उधार !!पवनसुत.🙏
अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,
तुम पर रीझे अवधबिहारी।
भक्ति भाव से ध्याऊं तुम्हे,
कर दुखों से पार !!पवनसुत.🙏
जपूं निरंतर नाम तिहरा,
अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा।
राम भक्त मोहे शरण मे लीजे
भाव सागर से तार !!पवनसुत.🙏
।। जय श्रीरामभक्त आञ्जनेय हनुमान ।।
Oh sorrow, Maruti Nandan, Hear my call! Pawansut requested again and again.
The giver of Ashta Siddhi Nava Niddi, You are the bestower of fortune for the sorrowful. Siyaram’s work riders, Borrow me!! Pawansut.🙏
Your power is limitless Awadhbihari is happy with you. I care for you with devotion, Cross over the sorrows!! Pawansut.🙏
Chant continuous name triple, I will not leave you now. Ram devotee should take refuge in me Wire from Bhav Sagar!! Pawansut.🙏
।। Jai Shri Rambhakt Anjaneya Hanuman.