भक्त भगवान का चिन्तन मनन करता है भगवान का ध्यान धरते हुए भक्त के अन्दर दर्शन की पुकार बन जाती है। भक्त भगवान से कहता है कि तुम मेरी पुकार को सुनते क्यों नहीं हो। तब सांवरे कहते है मै तुझे अभी घङ रहा हूं। मेरी नजर सैदव तुम्हारे ऊपर रहती है। मेरी नजर की तेजी से जो होता है तुम देख नहीं पाते हो। मैं रात दिन भक्त की नज़र को संवारता हूं। तेरी नजर को पैनी करना मेरा काम है। जब तेरी नजर पैनी हो जाएगी। तब तु मुझे एक मां की तरह से गोद में बिठालेगा। तु भी धन्य होगा मै भी धन्य हो जाऊंगा।
भक्त का भगवान् से सम्बन्ध बन जाता है तब भक्त के दिल कभी प्रेम पनपता है तब कभी विरह वेदना की जागृति होती है
भक्त विरह वेदना में भी आनंद की अनुभूति होती है। विरह की गहराई सुक्ष्म प्रेम की उत्पत्ति होती है क्योंकि आनन्द बाहर जा सकता है लेकिन विरह में भक्त भगवान मे खो जाता है अपने पन का अहसास खत्म हो जाता है। भक्त भगवान रूप बन जाता है
कान्हा तुम आना नहीं मुझे तो तुम्हारी तङफ में आंसू बहाने में ही आनन्द आता है हे सांवरे तु आयेगा आकर चला जाएगा। फिर ये आंखें दिल रोएगा तु मेरे दिल के अहसास में समा जा। दिल का अह्सास हर घङी हर पल अमृत बरसाएगा ।मै मै ना रहुगी सबकुछ तुम ही बन जाओ मेर प्रभु प्राण नाथ जय श्री राम अनीता गर्ग
The devotee keeps on worshiping the Lord, while keeping the attention of the Lord, the call of darshan becomes inside the devotee. The devotee says to God that why don’t you listen to my call. Then Saaware says I am looking for you now. My eyes are always on you. You cannot see what happens at the speed of my eyes. Night and day I beautify the eyes of the devotee. It is my job to sharpen your eyes. When your eyes become sharp. Then you will hold me like a mother in your lap. You will also be blessed, I will also be blessed.
When the devotee has a relationship with the Lord, then sometimes love flourishes in the heart of the devotee, and then there is an awakening of the pain of separation. The depth of separation is the origin of subtle love because joy can go out, but in separation the devotee gets lost in the Lord, the feeling of one’s self is lost. devotee becomes god
Kanha you don’t come, I take pleasure in shedding tears on your side, oh dusk you will come and go. Then these eyes will cry your heart, you will get absorbed in the feeling of my heart. The feeling of the heart will rain nectar every moment every hour.