राम का घर छोड़ना एक षड्यंत्रों में घिरे राजकुमार की करुण कथा है और कृष्ण का घर छोड़ना गूढ़ कूटनीति। राम जो आदर्शों को निभाते हुए कष्ट सहते हैं, कृष्ण षड्यंत्रों के हाथ नहीं आते, बल्कि स्थापित आदर्शों को चुनौती देते हुए एक नई परिपाटी को जन्म देते हैं। श्रीराम से श्री कृष्ण हो जाना एक सतत प्रक्रिया है…. राम को मारिचि भ्रमित कर सकता है, लेकिन कृष्ण को पूतना की ममता भी नहीं उलझा सकती। राम अपने भाई को मूर्छित देखकर ही बेसुध बिलख पड़ते हैं, लेकिन कृष्ण अभिमन्यु को दांव पर लगाने से भी नहीं हिचकते राम राजा हैं, कृष्ण राजनीति… राम रण हैं, कृष्ण रणनीति… राम मानवीय मूल्यों के लिए लड़ते हैं, कृष्ण मानवता के लिए… हर मनुष्य की यात्रा राम से ही शुरू होती है और समय उसे कृष्ण बनाता है। व्यक्ति का कृष्ण होना भी उतना ही जरूरी है, जितना राम होना..। लेकिन राम से प्रारंभ हुई यह यात्रा तब तक अधूरी है, जब तक इस यात्रा का समापन कृष्ण पर न हो।
हरि अनंत हरि कथा अनंता…. श्री कृष्ण शरणं मम ।🙏🏻🌹
Leaving Rama’s house is a sad story of a prince embroiled in conspiracy and esoteric diplomacy leaving Krishna’s house. Rama, who suffers in the pursuit of ideals, does not fall into the hands of Krishna’s conspiracies, but challenges the established ideals and gives birth to a new tradition. Changing from Shri Ram to Shri Krishna is a continuous process…. Marichi can confuse Rama, but even Putana’s love for Krishna cannot. Rama grieves at the sight of his brother unconscious, but Krishna does not hesitate to put Abhimanyu on the stake. Rama is the king, Krishna is politics. The journey of every human begins from Rama and time makes him Krishna. It is equally important for a person to be Krishna as it is to be Rama. But this journey which started with Rama is incomplete until this journey ends on Krishna.
Hari Anant Hari Katha Ananta…. Shri Krishna Sharanam Mam.