धन तेरस” पर श्रीराधा नाम धन

FB IMG

✨ 🌺।। श्रीराधे ।।🌺

🌺✨सभी को “धन तेरस” पर श्रीराधा नाम धन की प्राप्ति हो श्रीजी के प्रेम रूपी धन की प्राप्ति हो सभी रसिक जन श्रीराधा नाम धन को संचय करते रहे। ✨🌺

🌺✨ नाम महाधन है अपनो नही सम्पति दूसरी और कमानी✨🌺

🌺✨ हमारो धन राधा श्री राधा श्री राधा✨🌺

✨🌺 परम् धन राधा नाम आधार ✨🌺
✨🌺 हमारे धन वृन्दावन प्यारी।✨🌺
✨🌺 खरचत खात घटै नहिं कबहूँ बाढत छिन छिन अति अधिकारी ।। ✨🌺
✨🌺 ताही कौ अभिमान सदाई ताही बल बस कुंज बिहारी ।✨🌺
✨🌺 श्री हरिदासी रसिक सिरोमनि प्रान प्रान मिलि कीनी यारी ॥✨🌺

✨🌺 श्री ललित किशोरी देव, श्री ललित किशोरी देव जू की वाणी, सिद्धांत के पद ✨🌺

✨🌺 हमारा एकमात्र धन श्री वृंदावन धाम की लाड़िली श्री राधा प्यारी ही हैं । यह ऐसा अद्भुत नित्य धन है जो जितना पान करो वह कभी भी कम नहीं होता, किन्तु नित्य प्रति बढ़ता ही जाता है एवं अपनत्व बढ़ता ही जा रहा है ।
इन वृंदावन की महारानी श्री राधे ज़ू के बल एवं धन से से सदा ही हम अभिमान में भरे रहते हैं अर्थात हमारा उत्साह कभी कम नहीं होता एवं श्री कृष्ण भी यही बल से भरे रहते हैं, वह भी इन्हीं के वश में रहते हैं सब रस ठकुरानी जी की कृपा से ही है ।श्री ललित किशोरि देव जी कहते हैं कि रसिक शिरोमणि स्वामी श्री हरिदास जी ललिता अवतार अपने प्राणों से प्राण मिलाय अपना सर्वस्व श्री राधा पर बलिहार कर प्राणपन से श्रीराधिका ज़ू से नित्य ही यारी किए हुए हैं ।✨🌺

✨🌺 राधानाम परं पुण्यं राधानाम परं धनम्, ✨🌺
✨🌺राधानाम परं ज्ञानं राधानाम परं तपः ।।✨🌺

✨🌺बृहद ब्रह्म पुराणे✨🌺

✨🌺श्री राधा नाम परम पवित्र है, श्रीराधा नाम ही परम धन है, और श्रीराधा नाम परम ज्ञान और वही परम तप है ।✨🌺

✨🌺 हमरे निर्धन की धन राधा ।✨🌺
✨🌺 साधन कोटि छोड़ी इन्हीं को चरण कमल अवराधा ।। ✨🌺
✨🌺 इनके बल हम गिनत न काहु करत न जिए कोउ साधा ।✨🌺
✨🌺‘हरीचंद’ इन नख सिख मेरी हरी तिमिर भव बाधा ।। ✨🌺

✨🌺 श्री भारतेंदु हरिशचंद्र✨🌺

✨🌺 मेरे जैसे निर्धन की धन तो एक मात्र श्री राधा ही हैं । अनंत कोटि साधनों का त्याग करके बस मैंने इन्हीं के चरण कमलों को आराधा भक्ति की है । ✨🌺
✨🌺 श्री राधा के बल पर ही हम इनके समक्ष किसी की गिनती नहीं करते चाहे वह कोई भी हो और न ही इनके अतिरिक्त हृदय से किसी का आश्रय रखते हैं । श्री भारतेंदु हरिशचंद्र जी कहते हैं कि श्री राधा कृपा ने हमारे नख से सिख तक अर्थात पूर्ण भव बाधा के अंधकार को मिटा दिया है ।✨🌺

🌺✨ कौवेरी धनसम्पदस्ति किमतो वाचस्पतेर्वाग्मिता
लब्धा किं नु ततों महेन्द्रभवनैश्वर्यं स्थितं किं ततः?🌺✨
🌺✨किं कन्दर्पवपुः श्रियाद्भुततपोयोगादि- सिद्ध्या च किं
श्रीवृन्दावन-नाम-धाम-विमुखे सर्वो विडम्बो यतः ।।🌺✨

🌺✨श्री प्रबोधानन्द सरस्वती, वृन्दावन महिमामृत (4.49) 🌺✨

🌺✨ यदि कुबेर का धन प्राप्त हो जाये, तो उसका क्या फल? यदि बृहस्पति जैसी सुवाणी प्राप्त हो, तो उससे क्या? महेन्द्र के लोक का ऐश्वर्य मिले, तो उससे क्या लाभ? कामदेव जैसा सुन्दर शरीर मिले तो क्या ? तपस्या, योगादि की सिद्धि से कया प्रयोजन? क्योंकि श्रीवृन्दावन-नामक धाम से जो व्यक्ति विमुख है, उसी के लिये ये सब विडम्बना मात्र हैं।✨🌺

✨🌺 हमारे धन स्यामाजू कौ नाम ।✨🌺
🌺✨ जाकौं रटत निरंतर मोहन, नंदनंदन घनस्याम।। 🌺✨
✨🌺 प्रतिदिन नव-नव महामाधुरी, बरसति आठौ जाम। ✨🌺
✨🌺’गुनमंजरि’ नवकुंज मिलावै, श्रीबृन्दावन धाम ।।🌺✨

✨🌺 श्री गुणमंजरी दास, नवल रसिक पदावली ✨🌺

🌺✨हमारा धन एकमात्र श्री श्यामा श्री राधे ज़ू का नाम है जिसे नित्य निरंतर श्री नंदनंदन घनश्याम श्री कृष्ण रटते हैं । ✨🌺
🌺✨ श्री गुणमंजरी कहती हैं कि श्री राधा नाम की कृपा से नव निकुंज श्री वृंदावन का वास सम्भव होता है जहां प्रतिदिन आठों याम नव नव महा माधुरी बरसती रहती है ।✨🌺



✨ 🌺. Shriradhe ।।🌺

May all be blessed with the name ShriRadha on “Dhan Teras”, May all the racial people keep accumulating wealth in the name of ShriRadha.

Name is Mahadhan, not your property and second hand.

Our wealth Radha Shri Radha Shri Radha✨🌺

Param Dhan Radha Name Aadhar dear to our wealth Vrindavan. Kharchat account does not decrease, when I am bad, it is very official.. tahi kau pride sadai tahi bal bus kunj bihari Shri Haridasi Rasik Siromani Pran Pran Milli Keeni Yaari

The words of Shri Lalit Kishori Dev, Shri Lalit Kishori Dev Ju, the verses of the principle.

Our only wealth is Shri Radha Pyari, the beloved of Shri Vrindavan Dham. This is such a wonderful eternal wealth that the more you drink, it never diminishes, but keeps on increasing every day and the affinity is increasing. With the strength and wealth of Shri Radhe Zoo, the Queen of Vrindavan, we are always filled with pride, that is, our enthusiasm never diminishes and Shri Krishna is also full of this force, he also lives under her control. It is only by the grace of ji. Shri Lalit Kishori Dev ji says that Rasik Shiromani Swami Shri Haridas ji Lalita Avatar mixed life with his life and sacrificed his whole life on Shri Radha and has been in constant love with Shri Radhika Zoo.

✨🌺 The supreme merit of Radha is the supreme wealth of Radha, ✨🌺 ✨🌺The supreme knowledge of Radha is the supreme austerity of Radha.✨🌺

✨🌺Brihad Brahma Purana✨🌺

The name Shri Radha is the most sacred, the name ShriRadha is the ultimate wealth, and the name ShriRadha is the supreme knowledge and that is the supreme austerity.

✨🌺 Radha is the wealth of our poor.✨🌺 ✨🌺 Sadhana koti chhodi inhin ko charan kamal avradha. ✨🌺 ✨🌺 Inke bal hum gint na kahu kart na jiye kou sadha.✨🌺 ✨🌺‘Harichand’ in nakh sikh meri hari timir bhav badha. ✨🌺

Shri Bharatendu Harishchandra

Shri Radha is the only wealth of a poor like me. By sacrificing infinite degrees of resources, I have only worshiped their lotus feet. On the strength of Shri Radha, we do not count anyone in front of him, no matter who he is, nor do we take shelter of anyone other than him. Shri Bhartendu Harishchandra ji says that Shri Radha’s grace has removed the darkness of obstacles from our nails to the Sikhs, that is, the complete house.

🌺✨ Kauveri is the wealth of wealth, why is it the words of Vachaspati? What is the obtained then the wealth of the Mahendra palace situated what then?🌺✨ 🌺✨What is the body of Cupid, what is the beauty, wonderful austerities, yoga and other perfections? Because all is ridiculous in the face of the abode of the name of Sri Vrindavan.🌺✨

🌺✨Sri Prabodhananda Saraswati, Vrindavan Mahimamrit (4.49) 🌺✨

If Kuber’s wealth is obtained, then what will be the result of it? If there is a hearing like Jupiter, then what about it? If you get the opulence of the people of Mahendra, then what is the use of it? What if you get a beautiful body like Cupid? What is the purpose of attainment of austerity and yoga? Because for the person who is estranged from the abode of Sri Vrindavan, all these are only irony for him.

Who is our wealth Syamaju? Jakounratt constant Mohan, Nandanandan Ghansayam.. Every day new-new Mahamadhuri, Barsati eighto jam. ‘Gunmanjari’ Navkunj Milavai, Sri Brindavan Dham..🌺✨

Shri Gunmanjari Das, Naval Rasik Padavali.

Our wealth is the name of the only Shri Shyama Shri Radhe Zoo, which is chanted continuously by Shri Nandanandan Ghanshyam Shri Krishna. Shri Gunmanjari says that by the grace of the name Shri Radha, the abode of the new Nikunj Shri Vrindavan is possible, where every day eight yams, Nav Nav Maha Madhuri keeps on raining.

Share on whatsapp
Share on facebook
Share on twitter
Share on pinterest
Share on telegram
Share on email

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *