श्रीवृषभान नृपति के आंगन,
बाजत आज वधाई सो

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श्रीवृषभान नृपति के आंगन,
बाजत आज वधाई सो ।।
कीरति देरानी सुखसानी सुता,
सुलच्छन जाई हो ।।
भक्ति सर्ब दासी है जाकी,
सियाहूते अधिक सुहाई हो ।
निरबध नेह अबधि रस मूरति,
प्रगटी सब सुखदाई हो ।।
ब्रह्मादिक सनकादिक नारद,
आनन्द उर न समाई हो ।
नंददास प्रभु पलना पोढ़े,
किलकत कुँवर कन्हाई हो ।।
– श्री नंददास

आज सब जन राजा श्री वृषभानु के प्रांगण में बधाई गीत गाकर उत्सव मना रहे हैं जहाँ रानी कीर्ति की कोख में समस्त गुणों से युक्त, सुख की खानी स्वरूपा एक पुत्री श्री राधा ने जन्म लिया है ।
अनगिनत भक्त एवं समस्त शक्ति रखने वाली देवियाँ जिनकी दासी हैं और जो स्वयं सीता से भी अधिक सुंदर हैं।
वह अनंत प्रेम की सिंधु एवं रस की साक्षात मूर्ति हैं, जिनका प्राकट्य अत्यंत सुखदाई है।
भगवान ब्रह्मा, सनक और नारद इत्यादि के मन में भी यह आनंद नहीं समा पा रहा है । श्री नंददास कहते हैं, भगवान कृष्ण उन्हें देखकर देखकर अत्यंत प्रसन्न होते हैं।



Courtyard of Sri Vrishabhan Nripati, If you are married today. Keerati Derani Sukhsani Suta, You have gone sulchan. Bhakti is Serb maid Zaki, Siyahute be more pleasant. Nirbadh Neh Abdhi Ras Murti, Reveal all happiness. Brahmadik Sanakadik Narada, Don’t be happy. Nanddas Prabhu Palna Pode, Kilkat Kunwar is Kanhai. – Mr. Nanddas

Today all the people are celebrating the festival by singing congratulatory songs in the courtyard of King Shri Vrishabhanu, where in the womb of Queen Kirti, a daughter Shri Radha has been born with all the qualities, the Khani form of happiness. Countless devotees and goddesses who have all the power, whose maidservants are and who are more beautiful than Sita herself. She is the embodiment of Sindhu and Rasa of infinite love, whose appearance is very pleasant. Even in the minds of Lord Brahma, Sanaka and Narada etc., this bliss is not being absorbed. Sri Nandadas says, Lord Krishna is very pleased to see him.

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