आज ग्यारस की रात और तेरे दरबार ,
आजो श्याम कब से खडा हु दरबार ,
आज ग्यारस …
मैं तेरे हु तेरे तू मेरे है श्याम ,
तेरे खाटू छोड़ के जाऊ कहा॥
खाटू आता हु श्याम,प्यार पाता हु श्याम ,
अजो श्याम …
हर साल आता हु मेरे खाटू धाम ,
इस बार भी आया मेरे खाटू धाम॥
खाटू आया हु श्याम ,अब ना जाहुगा श्याम ,
अजो श्याम…
तेरे दर पर आता है सारा जहा,
मैं कटारिया भी आया तेरे दरबार ,
खाटू आना की गुन,मेरे सिर पर चड़ी,
अजो श्याम …
लेखक- सुरेश कटारिया
Tonight’s eleventh night and your court,
Ajo Shyam since when did I stand in the court,
Today’s eleven…
I am your hu tere you are my Shyam,
Where should I leave your khatu?
Khatu comes Shyam, I find love Shyam,
Ajo Shyam…
Every year I come to my Khatu Dham,
This time also came my Khatu Dham.
I have come to Khatu Shyam, now I will not know Shyam,
Ajo Shyam…
The whole place comes at your rate,
I also came to Kataria to your court,
The gun of khatu ana, rose on my head,
Ajo Shyam…