मथुरा ढूंढ़ो,गोकुल ढूंढो, ढूंढो ब्रिज चौरासी,
आजा मोरे श्याम,अखियां दर्शन की प्यासी,
दिल में तेरा प्यार बसाया,
दिल को ये कैसा मैंने रोग लगाया,
मुझ दुखिया पर तरस ना आया,
कैसा तू मथुरावासी,आजा मोरे श्याम…………
गंगा की धार देखी पाया ना ठिकाना,
कहां पे मिलोगे कान्हा जरा ये बताना,
सुन के पुकार मेरी जल्दी से आना,
मेरा मन दर्शन अभिलाषी,आजा मोरे श्याम………
दिल ने तुमको याद किया है,
कैसा जुदाई का ये दर्द दिया है,
तेरे बिन लागे ना जिया है,
छाई है घोर उदासी,आजा मोरे श्याम……..
Find Mathura, Find Gokul, Find Bridge Chaurasi,
Aaja More Shyam, Akhiyan is thirsty for darshan,
Your love settled in my heart,
How did I put this disease on the heart,
I did not feel sorry for the miser,
How are you the people of Mathura, aja more shyam…………
I could not see the edge of the Ganges,
Where will you meet Kanha, just tell me,
Hear my call to come quickly,
My mind darshan aspirant, aja more shyam………
heart has missed you
What is the pain of separation?
I have not lived without you,
There is great sadness, aja more shyam…….