आया तेरे धाम बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम बाबा खा के धक्के,
नाच रहा था बन कठपुलती इस ऊँगली तो कभी उस ऊँगली,
भटका हिन्दुस्तान बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम …
भाँती भाँती के झंडे उठाये इसको चढ़ाये उसको चढ़ाये,
आखिर थामन श्याम बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम …
उमीदो का लेके झोला दर दर घुमा सबको टटोला,
हुआ बड़ा परेशान बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम …
जो ग्यारस खाटू में बिता ले किस्मत होती श्याम हवाले,
मिला पवन को ज्ञान बाबा खा के धक्के,
बना कही न काम …
Baba came to your abode,
Baba’s push to eat made some work,
I was dancing this finger and sometimes that finger,
Devastated Hindustan Baba kha’s shock,
Don’t work anywhere…
Raise different flags, offer it, offer it,
After all, the shock of eating Shyam Baba,
Don’t work anywhere…
Took a bag of hopes and groped everyone,
Baba was very upset because of the shock,
Don’t work anywhere…
Whoever spends Gyaras in Khatu would be lucky to have Shyam Hawale,
Pawan got the shock of knowledge Baba ate,
Don’t work anywhere…