अपनी करनी पे खुद संवारे लाचार हु मैं,
माफ़ी देदो गुनाहो की गुन्हे गार हो मैं,
जीवन को कभी जिया ही नहीं माया हो व्यर्थ गवाया,
सोचे जो अगर श्याम नाम धन हमने तो कुछ न कमाया,
मुस्कुराऊ कभी तो लगता है जैसे सीने में भोज रखा है ,
अपनी करनी पे खुद संवारे लाचार हु मैं,
रिश्तो से रिश्ता रखा ही नहीं अपनों से लड़ ते रहे हम ,
तुम को कभी समजा ही नहीं स्वार्थ में अटके रहे हम,
नजर मैं कैसे तुम से मिलाऊ यही दर लगता है,
अपनी करनी पे खुद संवारे लाचार हु मैं,
जो भी कुछ हुआ स्वीकारते है हम अपने गले से लगा लो,
अपने मोहित को बेटा कह के बुला लो ,
अपराधी बन के आप का सेवक आप के आगे हाथ जोड़े खड़े है,
अपनी करनी पे खुद संवारे लाचार हु मैं,
I am helpless to do my own thing,
Forgive me, let me be guilty of sins,
Life has never been lived and wasted in vain,
Think that if we have earned money by the name of Shyam, we have not earned anything.
Smile sometimes it feels as if there is a feast in the chest,
I am helpless to do my own thing,
We kept fighting with our loved ones, not only kept the relation with the relationship,
We never understood you, we were stuck in selfishness,
Look how can I meet you, this is the rate,
I am helpless to do my own thing,
Whatever happened, we accept it by our neck,
Call your Mohit a son,
By becoming a criminal, your servant is standing in front of you with folded hands,
I am helpless to do my own thing,