ब्रह्मचारी ता उम्र रहे नही लिया विवाह का नाम
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान
राम भगती में लीन रहे सदा आये राम के काम
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान
राम दूत बन लंका पोंहचे अपना सूक्षम रूप बना के,
कितना ही बड़ा काम किया लंका को पल में जला के
अपनी शक्ति पेहले पता नही थी बाद में आया ज्ञान
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान
लंका पति रावन से जुजे बल अपना दिखलाया,
रावन के चंगुल से मात सिया को मुकत कराया
उनके जैसा बल है किस में वो सब से बलवान
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान
पवन वेग से उड़ ने वाले हनुमान बड़े महान
राम के संग हॉवे घर घर में वीर बजरंगी का गुणगान
अजर अमर का पाया राम सा हनुमंत ने वरदान
अरे रे रे ऐसे थे हनुमान
Brahmachari did not age, did not take the name of marriage
Hey re re such was hanuman
Be engrossed in Ram Bhagati, always come to the work of Ram.
Hey re re such was hanuman
Ram reached Lanka as a messenger and made his subtle form,
What a great job he did to burn Lanka in a moment
I didn’t know my power earlier, later knowledge came
Hey re re such was hanuman
Lanka showed his strength with his husband Ravana,
Maat Siya freed from the clutches of Ravana
Who has a force like him, in whom is he the strongest of all?
Hey re re such was hanuman
hanuman the great one who flew with the wind speed
Praise of Veer Bajrangi in Howe Ghar Ghar with Ram
Ajar Amar got a boon from Ram Sa Hanumant
Hey re re such was hanuman