अरमान है श्याम धनि तुझसे फाग मनाऊ मैं
तुमसे रंग लगाने को खाटू में आउ मैं,
अरमान है श्याम धनि तुझसे फाग मनाऊ मैं
जो रची विद्यते ने तस्वीर बदल डाली पल भर में इस पापी की तकदीर बदल डाली,
किस जुबा से सांवरियां तेरा गुण गाउ मैं
अरमान है श्याम धनि तुझसे फाग मनाऊ मैं
किसमत की लाचारी खाटू कभी न आया,
सपने में भी सांवरियां तेरा दर्शन न कर पाया,
कैसा होगा श्याम मेरा ये समज न पाउ मैं,
अरमान है श्याम धनि तुझसे फाग मनाऊ मैं
Arman is shyam Dhani, I want to celebrate with you
I will come to Khatu to paint you,
Arman is shyam Dhani, I want to celebrate with you
The one who created Vidyate changed the picture, changed the fate of this sinner in a moment,
With which tongue I will sing your praises
Arman is shyam Dhani, I want to celebrate with you
The helplessness of luck never came,
Even in the dream, the Saawariyas could not see you,
How will Shyam be, I can’t understand this.
Arman is shyam Dhani, I want to celebrate with you