बाबा ने चरणों से जबसे लगाया है मुझे,
पहले तो मे काबिल ना था काबिल बनाया आपने,
आपकी रहमत जोह बरसी,
खुशनसीबी है मेरी,
मेने येह सोचा ना था,
मुझ पे नजर है आपकी,
सपना जोह मेने देखा था सच कर दिखाया आपने…
बाबा ने चरणों से…..
जब जहा मे था गया,
मेरे साथ था मेरा सांवरा,
मिल गयी मुझको भी खुशियाँ दूर हुयी परेशानिया,
हार के जोह भी दर गया उसको सम्हाला आपने,
बाबा ने चरणों से….
आपकी ग्यारस पे खाटू आता हु बड़े चाव से…”
श्याम सलौना”भजन सुनाता आपको बड़े भाव से,
“जय कौशिक”को भी दिया बाबा सहारा आपने.,
बाबा ने चरणों से.
Ever since Baba has put me by the feet,
At first I was not capable, you made me capable,
Your mercy showered,
I am lucky
I didn’t think so
I have your eyes on me,
You made the dream that I saw come true…
Baba from the feet…..
Wherever I went,
With me was my samra,
I also got happiness, my troubles went away,
You took care of whatever was lost in the face of defeat,
Baba from the feet…
I am coming to eat your Gyaras with great fervor…”
Shyam Saluna narrates the hymn to you with a great spirit,
You also gave Baba Sahara to “Jai Kaushik”.
Baba at his feet.