बड़ी दूर से मैं आया तेरे द्वार सांवरे
सच कहु आया दुनिया से हार सांवरे,
मैंने सुना तेरा नाम दीना नाथ है,
मुझ दीं की बिगड़ी सवार सांवरे,
बड़ी दूर से मैं आया तेरे द्वार….
चिंतन में तेरे मेरा चित न लगे,
होठो पे उदासी छाई है जिस और नजर में फेरु प्रभु,
हर और से आफ़ात आई है,
मेरी ज़िंदगी की रहे अनजान है,
अपनी मंजिल की ना मुझे पहचान है,
मैं तो थक गया प्रभु अपने आप से,.
अब बन जा तू मेरा मदतगार सांवरे,
बड़ी दूर से मैं आया तेरे द्वार
विश्वाश करू किसपे मैं प्रभु विश्वाश को दीखते देखा है,
गेरो की शिकायत क्या मैं करू,
साया भी बदलते देखा है,
मेरे अपनों ने किया अपमान है,
मुझे अशाई का दिया ये इनाम है,
जिस प्यार को ये दिल बेक़रारा है,
उस प्यार का तू देदे उपकार सांवरे
बड़ी दूर से मैं आया तेरे द्वार
है खेल भरोसे का प्यारे,
मेरा ये भरोसा ना टूटे है डोर भरोसे की नाज़ुक,
हाथो से मेरे ये ना छूटे,
तेरे नाम का ही मुझपे सरूर हो,
इक बार मुलाकात भी जरूर हो,
तेरे मोहित की यही है प्राथना,
तेरा मनु गा मैं सदा आभार सांवरे,
बड़ी दूर से मैं आया तेरे द्वार
I came from a long distance to make your doors beautiful
Truly, I have come to know about defeat from the world,
I heard your name is Dina Nath,
I was given that the spoiled rider Saaware,
I came from far away at your door….
Don’t let my mind get stuck in contemplation,
There is sadness on the lips, in whose eyes Feru Prabhu,
Trouble has come from every side,
the unknown of my life,
I don’t know about my destination
I am so tired of myself, Lord.
Now become my helper beautiful,
From far away I came to your door
Believe in whom I have seen Lord Vishwas,
Should I complain about Gero?
Even the shadows have seen changing,
My loved ones have insulted,
This is the reward given to me by Asai,
The love that this heart is desperate for,
Tu Dede Upkar Saavre of that love
From far away I came to your door
is the game of trust dear,
This trust of mine is not broken, the door is fragile of trust,
Do not leave my hands,
I am proud of your name.
Must meet once
This is the prayer of your Mohit,
I will always be grateful to you,
From far away I came to your door