बैकुंठ से सज कर आया रे लाला का पलना.
….ब्रह्मा जी ने गढ़ाया ब्रह्माणी ने सजाया,गोकुल में आए झुलामे री लाला का पलना,बैकुंठ से सज कर…..विष्णु जी ने गढ़ाया लक्ष्मी जी ने सजाया,गोकुल में आए झुलाने री लाला का पलना,बैकुंठ से सज कर…..शंकर ने उसे गढ़ाया गोरा ने उसे सजाया,गोकुल में आए झूलाने री लाला का पलना,बैकुंठ से सज कर…..रामा ने उसे गढ़ाया सीता जी ने सजाया,गोकुल में आए झूलामें री लाला का पलना,बैकुंठ से सज कर…..संतो ने उसे गढ़ाया भक्तों ने उसे सजाया,हम सब मिल उसे झूलामे री लाला का पलना,बैकुंठ से सज कर.












