बरस दिना में आवेै री गोरी, होरी आज मनाय लेै री,
फागुन के दिन चार सखी,तू रसिया ते बतराय लेै री,
हम है रसिया तुम गोरी,बढी खास बनी ये जोडी,
सुन ले ग्वालिन मतवारी, खेलेंगे तो संग होरी,
ये अवसर होरी को गोरी, जीवन आज बनाय लेै री।फागुन के दिन चार ……
क्यों लाज करेै तू गोरी, लगवाय लेै मुख ते रोरी,
जो सूधी नाय बतरावेै, तौ श्याम करे बरजोरी,
ऐसोै अवसर फिर न मिलेैगोै, हंस हंस के बतराय लेै री। फागुन के दिन चार सखी ……
सुन लेै तू नारि नवेली, क्यों बैठी भवन अकेली,
रसिया बिन सूनोै जावेै, तेरोै जोबन अलबेली,
रोज रोज रसिया ना आवेै,हस के रंग लगवाय लेै री। फागुन के दिन चार सखी …
In Bars Dina Mein Aavai ri Gori, Hori is celebrated today,
On the day of Phagun, four friends, you rasia te batrai lei ri,
We are Rasiya, you are fair, this couple has become very special,
Listen to Gwalin Matwari, if you play with Hori,
This opportunity will make Hori fair, make life today. Day four of Phagun……
Why shame you fair
Whoever tells Sudhi Nay, then Shyam does Barjori,
You will not get such an opportunity again, take it as a swan. Four friends on the day of Phagun.
Hear you woman, why is the building sitting alone,
Rasiya bin Sunoi Jawei, Terai Joban Albeli,
Do not come everyday, get the colors of laughter applied. Four friends on the day of Phagun.