बरसो से सोया नसीबा जगा दे

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बरसो से सोया नसीबा जगा दे ,
करू कया कोई तू रस्ता दिखा दे,

तेरे धाम चल के मैं खुद आ गया हु,
नई और बस की मैं घबरा गया हु,
तू सबकी बनाये मेरी भी बना दे,
करू क्या कोई तू रस्ता दिखा दे,

मेरे श्याम मुझसे होइ क्या खता है,
मेरा दिल तो तेरे ही रंग में रंगा है,
तू चाहे तो खुशियों का दरिया बहा दे,
करू क्या कोई तू रस्ता दिखा दे,

मैं लेहरी मेरी लाज तेरे हवाले,
उठा कर मुझे तू गले से लगा ले,
हँसा दे कन्हियाँ मुझे भी हसा दे,
करू क्या कोई तू रस्ता दिखा दे,

Barso se soya naseeba jaga de,
Karu kya koi tu rasta dikha de,
Tere Dham Chal Ke Main Khud Aa Gaya Hu,
Nayi aur bas ki main ghabra gaya hu,
Tu sabki banaye meri bhi bana de,
Karu kya koi tu rasta dikha de,
Mere Shyam Mujhse Hoi Kya Khata Hai,
Mera Dil To Tere Hi Rang Mein Ranga Hai,
Tu chahe to khushiyon ka dariya baha de,
Karu kya koi tu rasta dikha de,
Main Lehri Meri Laaj Tere Hawale,
Utha kar mujhe tu gale se laga le,
Hansa De Kanhiyan Mujhe Bhi Hasa De,
Karu kya koi tu rasta dikha de,

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