भजले मनवा सिया राम राम

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भजले मनवा सिया राम राम सारा दुखवा जिन्दगीया से कट जाए रे,
राम नामवा में बांटे रे अमृत के याम
किरपा होई बेडा पार लग जाए रे,
राम नामवा में बांटे रे अमृत के याम………..

श्री राम से दिलवा लगा ले रे मन
प्रभु बंदन में शीश जुका ले रे मन
राम चारण में सब रो धामा
दुःख के बदरा जिन्दगी से छट जाए रे
राम नामवा में बांटे रे अमृत के याम

मोह माया का वो काम आ वे न हो
भगत भगवन के ई सब के भावे न हो
भक्ति बंधन ही जीवन का पेहला कमा
करले दुखवा भी प्रतिना यु हट जाए रे
राम नामवा में बांटे रे अमृत के याम

Bhajle Manwa Siya Ram Ram Sara Dukhwa Zindagiya Se Kat Jaye Re,
Ram Naamwa Me Bante Re Amrit Ke Yam
Please cross the ship,
Ram Naamwa Me Bante Re Amrit Ke Yam.

Sri Ram se dilwa laga le re man
Bow your heads in worship of the Lord
In Ram Charan, all cry
The clouds of sorrow are removed from life
Ram Naamwa Me Bante Re Amrit Ke Yam

They are not useful to delusion
The devotee does not like all this
Devotional bondage is the first earning of life
Karle dukhwa bhi pratina yu hat jaaye re
Ram Naamwa Me Bante Re Amrit Ke Yam

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