भक्ति और शक्ति के दाता,
रामचरण से जिनका नाता,
म्हारा बजरंगबली…..
राम बिना जिनको कुछ भी ना ध्यावे,
राम में हरदम जो ध्यान लगावे,
राम करे जो भी बजरंग कराएं,
पर ना कभी दिल में अभिमान लाए,
म्हारा बजरंगबली…..
जिसके हो सर प्रभु कर हमेशा,
ऐसा ना सेवक अभी तक है देखा,
प्राण ना प्यारे प्रभु जिनको प्यारे,
ऐसे ही है यह पवन के दुलारे,
म्हारा बजरंगबली…….
रावण को ललकारा लंका में जाकर,
लक्ष्मण बचाए थे पर्वत उठाकर,
रामजी जिनको भरत सम बताएं,
काल भी है जिनसे आंख चुराए,
म्हारा बजरंगबली…….
राम की भक्ति का मार्ग बता दो,
बाधा अनेकों इन्हें तुम हटा दो,
राम से कैसे मिलन हो हमारा,
श्याम कहे कर दो कारज हमारा,
म्हारा बजरंगबली…..
Giver of devotion and power,
Whose relation with Ramcharan,
Maha Bajrangbali…..
Ram without whom nothing should be taken care of,
One who always meditates on Rama,
Whatever Bajrang makes Ram do,
But never bring pride in your heart,
Maha Bajrangbali…..
Whoever it is, Sir Lord always,
Haven’t seen such a servant yet.
Dear Lord, who is dear to you,
That’s how it is the caress of the wind,
mahara bajrangbali……
Challenged Ravana by going to Lanka,
Lakshman was saved by lifting the mountain,
Ramji, whom Bharat Sama tells,
There is also time from whom the eye steals,
mahara bajrangbali……
Tell me the path of devotion to Rama.
Obstacles many you remove them,
How can we meet Ram?
Say Shyam, do our work,
Maha Bajrangbali…..