भरती होजा रे सत्संग में थारो भाग खुलेला रे,
जनम मरण को देश परायो मृत्यु वेला रे,
सुंदर काया कंचन थारी छोड़ चलेला रे,
कर पुरसार्थ ज्ञान गरीबी गुरुगम मेला रे,
सत्संग धार हियो मत हारे मौज मिलेला रे,
अमृत सिंधु सुख सागर भरियो प्रेम हिलोला रे,
प्रेम की छमकी मारे रे हंसा मोती चुगेला रे,
लखमी राम म्हाने सतगुरु मिलिया दीन दयाला रे,
हरि राम हरि भक्ति कर ले कारज सरेला रे,
Bharti Hoja Re Satsang Mein Tharo Bhag Khulela Re,
Janam maran ko desh parayo mrityu vela re,
Sundar Kaya Kanchan Thari Chhod Chalela Re,
Kar Pursarth Gyan Garibi Gurugam Mela Re,
Satsang Dhar Hiyo Mat Hare Mauj Milela Re,
Amrit Sindhu Sukh Sagar Bhariyo Prem Hilola Re,
Prem Ki Chhamki Mare Re Hansa Moti Chugela Re,
Lakhmi Ram Mhane Satguru Miliya Deen Dayala Re,
Hari Ram Hari Bhakti Kar Le Karaj Sarela Re,