भोलेनाथ ने सुना दी है कथा ,जगदंबा महारानी को,
जगदंबा महारानी को माता कल्याणी को
भोलेनाथ ने सुना दी है कथा जगदंबा महारानी को
प्रथम दिन की कथा को सुनकर पार्वती हर्षाती हैं
दूसरे दिन की कथा में मैया, फूली न समाती हैं
भोलेनाथ ने सुना दी है कथा जगदंबा महारानी को
तीसरे दिन की कथा को सुनकर मैया बोलना पाती हैं
चौथे दिन की कथा को सुनकर मैया ही सो जाती है
भोलेनाथ ने सुना दी है कथा जगदंबा महारानी को
चौथे दिन की कथा को सुनकर शुक को आनंद आता है
पांचवें दिन की कथा को सुनकर आनंद उमंग हो जाता है
भोलेनाथ ने सुना दी है कथा जगदंबा महारानी
छठे दिन की कथा को सुनकर संत वही बन जाता है
सातवें दिन की कथा को सुनकर मोक्ष वही हो जाता है
भोलेनाथ ने सुना दी है कथा जगदंबा महारानी को
Bholenath has narrated the story to Jagdamba Maharani,
Jagdamba Maharani to Mata Kalyani
Bholenath has narrated the story to Jagdamba Maharani
Parvati is happy after listening to the story of the first day.
In the story of the second day, Maya does not bloom
Bholenath has narrated the story to Jagdamba Maharani
Hearing the story of the third day, Maya is able to speak
Maya falls asleep after listening to the story of the fourth day.
Bholenath has narrated the story to Jagdamba Maharani
Shuka enjoys listening to the story of the fourth day.
Hearing the story of the fifth day, the joy becomes ecstatic.
Bholenath has narrated the story Jagdamba Maharani
On hearing the story of the sixth day, the saint becomes the same.
Moksha becomes the same after listening to the story of the seventh day.
Bholenath has narrated the story to Jagdamba Maharani