तेरी अंखिया हैं जादू भरी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ।
सुनलो मेरे श्याम सलोना, तुमने ही मुझ पर कर दिया टोना ।
मेरी अंखियां तुम्ही से लड़ी, बिहारी मैं तोकब सेखड़ी ॥
तुम सा ठाकुर और ना पाया, तुमसे ही मैंने नेहा लगाया ।
मैं तो तेरे ही द्वार पे पड़ी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥
कृपा करो हरिदास के स्वामी,बांके बिहारी अन्तर्यामी,मेरी टूटे ना तुमसे लड़ी,बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥तेरी अंखिया हैं जादू भरी,बिहारी मैं तो कब से खड़ी
है आरज़ू मेरी इतनी , मेरे साथ साथ रहना ।
डोले जब मेरी कश्ती मेरी बाँह थाम लेना ।।
तेरा साथ जिसने पकड़ा वो रहा न बे सहारा ।
दरिया में डूबकर भी मिल गया सहारा ।।
श्याम तेरे दर का जो ग़ुलाम हो जाये ।
सुहानी उसकी हर सुबह शाम हो जाये
जो राधा राधा रटते हैं
वो प्रिया शरण में रहते हैं
करतीं हैं कृपा ब्रिष्भानु सुता
वही महल बुलाये जाते हैं
दरबार में राधा रानी के
दुःख दर्द मिटाये जाते हैं
दुनिया के सताये लोग
यहाँ सीने से लगाये जाते है