छू ले जो माँ की चौखट को तो जर्रा भी सितारा हो जाए,
जहाँ जिक्र हो माँ का मंगल हो जन्नत का नजारा हो जाए,
मैया के दर पे, हर शक्ति आकर के शीश झुकाती है,
सारी दुनिया माँ के दर पे कष्टों से मुक्ति पाती है।
रखके मन में विश्वास, नाम मैया का ले ले तेरे काम आएगा राम,
टूटे ना आस चल चला चल ओ भगता चल चला चल,
युग युग से माँ शेरावाली तार रही है दुनिया को,
जाओ अपनी बिगड़ी बना लो सवार रही है दुनिया को,
माँ का बन जा तू दास माँ का बन जा तू दास,
नाम मैया का ले ले ………
तन मन कर दे माँ को अर्पण मैल दिलो के धोती माँ,
भर देती है घर खुशियो से जिसपे खुश होती है माँ,
रहने दे ना उदास रहने दे ना उदास,
नाम मैया का ले ले……….
जिसके घर में सच्चें मन से माँ का पूजन होता है,
वो घर घर ना समझो भैया वो एक मंदिर होता है,
रहता एक दम उल्लास रहता एक दम उल्लास,
नाम मैया का ले ले……..
जय माता की कहता चल ‘लख्खा’,खुल जाए किस्मत तेरी भी,
जैसे सुनती भक्तो की, वैसी सुनेगी तेरी भी,
फिर तू ना हो निराश, फिर तू ना हो निराश,
नाम मैया का ले ले……..स्वरलखबीर सिंह लक्खा
Touch the one that touches the door of the mother, even if it becomes a star,
Wherever there is mention of the mother, there should be a view of heaven,
At the rate of Maya, every power comes and bows its head,
The whole world gets freedom from sufferings at the rate of mother.
Keep faith in your mind, Naam Maiya ka le le tere work will come Ram,
Don’t break your hopes, let’s go, let’s go, let’s go,
Since ages, Mother Sherawali has been a wire to the world,
Go make your spoiled world is riding,
You become a slave of a mother, you become a servant of a mother,
Naam maya ka le le……..
Give your heart to the mother, dhoti mother,
Fills the house with happiness, on which the mother is happy,
Let it be neither let it be sad nor sad,
Naam maya ka le le……..
In whose house the mother is worshiped with a sincere heart,
Do not consider that house to be house, brother, it is a temple,
There is only one joy, there is only one joy,
Take the name of Maya…….
Jai Mata’s saying, ‘Lakhkha’, may your luck be open,
Just as you listen to the devotees, so will yours too.
Then you are not disappointed, then you are not disappointed,
Naam maiya ka le le…….Swarlakhbir Singh Lakha