चलने लगी है रोजी रोटी खूब मेरे परिवार की,
जबसे पार करी मैंने चौखट वो तोरण द्वार की,
सोचो क्या नहीं दे सकता जो शीश दे गया दान में,
दोनों लोक भी दे डाले थे बस दो मुठी दान में,
लाज ये रखता सबकी जैसी रखे सुदामा यार की,
जबसे पार करी मैंने चौखट वो तोरण द्वार की
इनके भरोसे छोड़ दे सब तेरी एक ही जिम्मेदारी है,
ढूंढे से भी नहीं मिले गी विपदा ये जो सारी है,
श्याम से जिनकी यारी है क्यों फ़िक्र करे बेकार की,
जबसे पार करी मैंने चौखट वो तोरण द्वार की
हाथ पकड़ता है ये उनका जो दुनिया से हारे,
कितने ही प्रेमी बाबा ने भव से पार उतारे है,
किस्मत से मिलती है सेवा सोनी इस दरबार की,
जबसे पार करी मैंने चौखट वो तोरण द्वार की
My family’s livelihood has started running well,
Ever since I crossed the doorway, that archway door,
Think what can not be given to the person who was given in charity,
Both the people had also given just two fists in charity,
Shame on everyone, keep it like Sudama’s friend
Ever since I crossed the doorway, that archway door
Leave it to them, you all have only one responsibility,
Even by searching, you will not find the calamity that is all,
Whose love with Shyam, why should you worry about useless,
Ever since I crossed the doorway, that archway door
He holds the hand of those who have lost the world,
How many loving Baba has taken you across from the world,
Luck gives service to Sony in this court,
Ever since I crossed the doorway, that archway door