चलो रे चलो चले चुलकाना धाम,
यहाँ के कण कण में है वस्ते मेरे बाबा श्याम,
याहा प्रगटे थे शीश के दानी वो है खाटू धाम,
शीश दिया यहाँ दान कृष्ण को वो चुलकाना धाम,
चलो चले चुलकाना धाम..
पते पते से मिलता है शक्ति का अनुमान,
श्याम ने पते भींदे जिसके यहाँ वो वृक्ष महान,
चलो चले चुलकाना धाम…
मन चाही यहाँ मिली मुरादे है बड़ा सिद्ध स्थान,
मनत का धागा इक बांधो कुंड में कर इशनान,
चलो चले चुलकाना धाम
सच्चे मन से नाम तू जपले जय जय बाबा श्याम,
श्रद्धा भाव जो मन में रखे बन जाये सब काम,
चलो चले चुलकाना धाम…..
दीपक मांगे न बाबा कुछ दुनिया के सामान,
इक तमना है चरणों में हो जीवन की शाम,
चलो चले चुलकाना धाम
Let’s go to Chulkana Dham,
My Baba Shyam is there in every particle of the world.
Yaha was revealed that the donor of the head, that is Khatu Dham,
Donated the head here to Krishna, that Chulkana Dham,
Let’s go to Chulkana Dham..
Address gives an estimate of the power from the address,
Shyam also addressed the address, where the tree is great,
Let’s go to Chulkana Dham…
Desire has been found here, it is a big perfect place,
Ishnan by doing the thread of manat in the ek Bandho Kund,
Let’s go to Chulkana Dham
You chant your name with true heart, Jai Jai Baba Shyam,
All the work becomes the faith which is kept in the mind,
Let’s go to Chulkana Dham…..
Do not ask for a lamp, Baba does not have some world’s goods,
There is a desire to be in the feet, the evening of life,
Let’s go to Chulkana Dham