आया शिरडी नगर से तार है भक्तो हो जाओ त्यार,
चलो साई द्वार चले बाबा के द्वार चले,
सच्चे दरबार में जाना है साई को दुखड़ा सुनाना है,
साई को बता के हाल दिल हम को होगा सब कुछ हासिल,
अब करो मत सोच विचार चलो तज करके घर बार,
चलो साई द्वार चले बाबा के द्वार चले,
माना के बड़ी मुश्किल है डगर फिर भी जाना है शिरडी नगर ,
साई जो करे गे किरपा नजर आसा हो जाएगी रहे सवर,
तूफ़ान है मझदार करे गे साई गई बेडा पार,
चलो साई द्वार चले बाबा के द्वार चले,
मत पूछो के शिरडी कैसी है शिरडी तो स्वर्ग के जैसी है,
यहाँ देवता गण भी आते है साई के दर्शन पाते है,
साई का वो दरबार याहा होता सबका उधार,
चलो साई द्वार चले बाबा के द्वार चले,
लक्ष्मी जो दास तुम्हारा है नहीं इसका कोई सहारा है,
विशवाश मगर इसका है अटल तुम दोगे इसे श्रद्धा का फल,
दुखियाँ है ये लचार सुनो एह जगतगुरु सरकार,
चलो साई द्वार चले बाबा के द्वार चले,
There is a wire from Shirdi city, be ready, devotees.
Let’s go to Sai’s door and go to Baba’s door.
You have to go to the true court, you have to narrate the pain to Sai.
Tell sai that we will have everything,
Now don’t think, think, let’s go home again and again,
Let’s go to Sai’s door and go to Baba’s door.
Believe it is very difficult, but still have to go to Shirdi city,
Whatever Sai will do, Kirpa will be seen, asa will be saved,
The storm is heavy,
Let’s go to Sai’s door and go to Baba’s door.
Don’t ask how Shirdi is, Shirdi is like heaven.
Here the deities also come and get the darshan of Sai.
Sai’s court would have been everyone’s loan,
Let’s go to Sai’s door and go to Baba’s door.
Laxmi, the slave that is yours, is not your support,
But it is unshakable, you will give it the fruit of reverence,
He is sad, listen to this helpless oh Jagatguru Sarkar,
Let’s go to Sai’s door and go to Baba’s door.