चमक उठे गी किस्मत भगता मेरे इस घर आंगन,
साई पधारेगे तो कुटियाँ महल बने गी निर्धन की,
चमक उठे गी किस्मत भगता मेरे इस घर आंगन,
पलकों से इसको छू लूंगा श्रद्धा से माथे पे मलूगा,
मिल जायेगी धूल मुझे जब भगतो साई चरनन की,
चमक उठे गी किस्मत भगता मेरे इस घर आंगन,
सबसे ईशा है वो आये आके मुझको दर्श दिखाये,
राम ही जाने कब किरपा हो मुझपे साई राजन की,
चमक उठे गी किस्मत भगता मेरे इस घर आंगन,
देख के साई जी का मुखड़ा पूरी होगी मन की आशा,
प्यास भुझेगी तब ही भगतो मेरे प्यासे नैनं की,
चमक उठे गी किस्मत भगता मेरे इस घर आंगन,
Luck will shine in this courtyard of my house,
If Sai comes, the huts will become palaces of the poor,
Luck will shine in this courtyard of my house,
I will touch it with the eyelids, I will rub it on my forehead with reverence.
When I will get the dust of Bhagto Sai Charan,
Luck will shine in this courtyard of my house,
Most Isha is that he should come and show me the vision,
Ram only knows when Sai Rajan’s anger is on me,
Luck will shine in this courtyard of my house,
Seeing Sai ji’s face will be fulfilled, the hope of the mind,
Thirst will be quenched only then Bhagto my thirsty Nain,
Luck will shine in this courtyard of my house,