दर दर न भटका संवारे,
पार लगा दो नैया मेरी बीच भावर अटका
दर दर न भटका संवारे,
भाई बंधू कुटंब कबीले देखे लिए मैंने सारे,
वो क्या मुझको देंगे सहारा जो किसमत के मारे,
जिसका हाथ पकड़ना चाहा,
उसने ही झटका
दर दर न भटका संवारे,
जिस जिस दर मैंने हाथ बडाया सब ने ही ठुकाराया,
इसीलिए सब छोड़ जमाना तेरा दर पे आया ,
जिस से आस लगाई मैंने आँखों में खटका
दर दर न भटका संवारे,
तुम हो जगत के मालिक बाबा तुम से क्या शरमाना
बाबा एसी करो किरपा जो देखे सारा ज़माना
कहे मनीष निकालो फंदा गले मेरे अटका
दर दर न भटका संवारे,
Do not wander from rate to rate,
Paar Laga Do Naiya, my middle spirit stuck
Do not wander from rate to rate,
Brother brothers, I have seen all the family clans,
Will they give me support who will die because of luck,
Whose hand I wanted to hold
he jerked
Do not wander from rate to rate,
The rate at which I raised my hand, everyone rejected it,
That’s why the era came at your rate, leaving everything behind.
The one I expected knocked in my eyes
Do not wander from rate to rate,
You are the master of the world, what are you ashamed of?
Baba AC Karo Kirpa who sees the whole world
Say Manish, take out the noose, my neck is stuck
Do not wander from rate to rate,