दरबार सज गया माँ की ज्योत जल गई,
मन्नत हुई पूरी इस दिल का कमल खिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया
कितनी मेहर मैया ने करदी मेरी झोली मुरादों से भरदी
माँ की चोंकी घर में रचाई संगत दूर दूर से आई
फिर एसी मची धूम सारा पंडाल हिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया
मिल भगतो ने रंग जमाया महिमा गा गा माँ को रिजाया,
रंग गे सब भगती के रंग में ना कोई अपना था पराया,
जैसा आया वैसा नाचा हर कोई होशा मिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया
माँ की माँ ही जाने
उसके खेल कौन पहचाने
माँ का इक इशारा काफी कमले भी हो जाए सयाने
गुनेगार सरल जैसा दर्शन के हो काबिल गया
मैया जी के अंगना में नाचने को मिल गया
The court was decorated, the mother’s flame was lit,
The lotus of this heart has blossomed.
Got to dance in Maya ji’s angana
How many Mehr Maiya has filled my bag with wishes
Mother’s accompaniment came from far away in the house
Then the whole pandal shook the air.
Got to dance in Maya ji’s angana
Mil Bhagto colored the glory and pleased the mother,
In the color of all Bhagti, no one was his own,
Dance as it came, everyone got their senses
Got to dance in Maya ji’s angana
go mother’s mother
who knows his game
A gesture of mother may be enough too
Gunegar became capable of being as simple as the philosophy.
Got to dance in Maya ji’s angana