दरबार तेरे आया फूलो का हार लेकर,
बिगड़ी मेरी बनादे अपना तू प्यार देकर,
सुनते है तेरी रेहमत दिन रात है बरसती,
मुझको गले लगाना आँचल की शाव देकर,
दरबार तेरे आया फूलो का हार लेकर,
भटका बहुत हु मैया जीवन की इस भवर में,
दुनिया से जब मैं हारा आया तेरी शरण में,
तू हाथ थाम लेगी संकट को मेरे हर के,
बिगड़ी मेरी बना दे……
हर याद लेके अपनी हर खोई तेरी धुन में,
आये है ढेर सारे मैं भी हु उनमे,
लौटू यहाँ से मैया खुशियों से झोली भर के,
बिगड़ी मेरी बना दे……
Your court came with a garland of flowers,
By giving my love you have spoiled me,
I hear your rehmat is day and night it rains,
By giving me the corpse of Aanchal,
Your court came with a garland of flowers,
I am lost in this phase of life,
When I was defeated from the world, in your shelter,
You will take the trouble of my everyone,
Make me spoiled……
With every remembrance, in your every lost tune,
Many people have come, I am also among them.
Come back from here Maya fills her bag with happiness,
Make me spoiled……