दया करो साईं नाथ मुझपर दया करो साईं नाथ
मैं पापी हु मैं मुर्ख हु हु बालक नादान
दया करो साईं नाथ मुझपर दया करो साईं नाथ
मेरी नैया आन फसी थी बीच भवर में कन्हिया
पार करे जो भव सागर से मिला न कोई खवियाँ,
गम की आंधी से आया है सागर में तूफ़ान
दया करो साईं नाथ मुझपर दया करो साईं नाथ
मेरे कर्मो के फल ने ही मन भरमाया मेरा
जगा जगा पर भटक रहा हु दास कहा कर तेरा
तभी तो मेरा जगह जगह पर होता है अपमान
दया करो साईं नाथ मुझपर दया करो साईं नाथ
कभी वो दिन था तेरा भरोसा रंग यु दिखलाता था
मुश्किल काम भी बिगड़ा बाबा जल्दी ही बन जाता था
आज तुम्हारे दिल में बाबा आये न मेरा ध्यान
दया करो साईं नाथ मुझपर दया करो साईं नाथ
अपने दास का मान प्रभु जी इतना आज न तोड़ो
दुनिया ने तो छोड़ दिया है तुम तो न मुझको छोड़ो
नही तो रखना याद तू दाता हो जाऊ वीरान
दया करो साईं नाथ मुझपर दया करो साईं नाथ
Have mercy sai nath Have mercy on me sai nath
i am a sinner i am a fool
Have mercy sai nath Have mercy on me sai nath
My Naiya Aan Fasi Thi was Kanhiya in Beach Bhavar
Cross that which did not meet the ocean of the earth,
Storm in the ocean has come from the storm of sorrow
Have mercy sai nath Have mercy on me sai nath
The fruit of my karma has deceived my mind
Waking up but I am wandering where is your servant?
That’s why my place is insulted
Have mercy sai nath Have mercy on me sai nath
Once upon a time there was a day that your trust used to show color.
Even difficult work was spoiled soon Baba
Baba did not come in your heart today
Have mercy sai nath Have mercy on me sai nath
Lord ji do not break the honor of your servant so much today
The world has left you, don’t leave me
Otherwise, remember that you will become a giver, deserted
have mercy sai nath have mercy on me sai nath