देख करके हालत मेरे राम की,सरयू माँ के आँसू बह रहे हैं
सूनी हैं गलियाँ अवध धाम की,सरयू माँ के आँसू बह रहे हैं
कैसा है कलियुग कैसी,कलियुग की माया है,भगवान बेघर हो चला
करते ज़माने का जो,फ़ैसला उन्हीं का,कोर्ट करेगा फ़ैसला
बात है ये राम के अपमान की,सरयू के आँसू कह रहे
तम्बू में बैठा है वो,जो जगत का स्वामी है,दुनिया है चलती जिसके नाम पे
शर्मिन्दगी में ज़िन्दा,रहने से अच्छा है,जीवन लुटा दूँ अपने राम पे
ज़िन्दगी है ऐसी किस काम की,सरयू के आँसू बह रहे
सरयू की धारा में,डूब जाना चाहिए,करते जो मन्दिर का विरोध हैं
वरना प्रलय आएगी,भूचाल आएगा,रामजी को आने वाला क्रोध है
मोहित को चिन्ता है न जान की,सरयू के आँसू बह रहे हैं
Seeing the condition of my Ram, Sarayu Maa’s tears are flowing
Awadh Dham’s streets are deserted, Sarayu Maa’s tears are flowing
How is Kaliyug, how is the illusion of Kaliyug, God has become homeless
The decision of the time, the court will decide
It is a matter of insulting Ram, the tears of Saryu are saying
He is sitting in the tent, who is the master of the world, in whose name the world runs
It is better to live in shame than to spend life on my Ram
What is life like, Saryu’s tears are flowing
In the stream of Saryu, should be drowned, doing those who are opposed to the temple
Otherwise there will be catastrophe, earthquake will come, Ramji has anger to come.
Mohit is not worried about his life, Saryu’s tears are flowing