तर्ज – तुम आये तो आया मुझे…
धरती सतिया री राजस्थान, वहां पे मेरा प्राण बसता,
वहां झुंझुनु है एक धाम, जहां पे मेरा प्राण बसता,
मन करे झुंझुनु में बस जाऊ,
मैया को नित भजन सुनाए,
जाने कब होंगे पुरे अरमान,
जहां पे मेरा प्राण बसता,
जब भी मेरा मन घबराये,
दादी नाम ही पार लगाये,
कष्ट टल जाते लेते ही नाम,
जहां पे मेरा प्राण बसता,
दुनिया में कोई स्वर्ग कहीं है,
झुंझुनूं है, ये बात सही है,
‘दिनेश’ माने इसे चारों धाम,
जहां पे मेरा प्राण बसता,
Lines – If you come, I have come…
Earth is satiya ri Rajasthan, there my life would reside there,
There is Jhunjhunu a dham, where my life resides,
I want to settle in Jhunjhunu,
recite bhajans to Maya every day,
Know when will you have full desires,
where my soul resides,
Whenever my mind is troubled,
Put your grandmother’s name across,
As soon as the trouble is over,
where my soul resides,
Is there some heaven somewhere in the world,
Jhunjhunu, that’s right
‘Dinesh’ considers it to be the four dhams,
where my soul resides,