धुबतो को बचा लेने वाले मेरी नैया है तेरे हवाले,
लाख अपनों को मैंने पुकारा पर न कोई बना था सहारा,
और कोई ना देता दिखाई,सिर्फ तेरा ही अब तो सहारा,
कौन तुम बिन ववर से निकाले मेरी नैया है तेरे हलवाले,
धुबतो को बचा लेने वाले मेरी नैया है तेरे हवाले,
जब कभी तुम बचाने पे आये हर मुसीबत में पार लगाये,
जिस पे तेरी किरपा द्रिष्टि हॉवे,
कैसे उसपे कोई आंच आये,
आंधियो में भी तू ही सम्बाले,मेरी नैया है तेरे हवाले,
धुबतो को बचा लेने वाले मेरी नैया है तेरे हवाले,
बिन तेरे चैन मिलता नही है,
फूल खुशियों का खिलता नही है,
तेरी मर्जी बिना इस जहाँ में एक पता भी हिलता नही है,
तेरे वस् में अँधेरे उजाले ओ मेरी नैया है तेरे हवाले,
धुबतो को बचा लेने वाले मेरी नैया है तेरे हवाले,
The one who saves Dhubto is my hand over you,
I called lakhs of my loved ones, but no one had become a support,
And no one is seen giving, only yours is now the support,
Who is your boat to get out of you without money?
The one who saves Dhubto is my hand over you,
Whenever you came to save, cross in every trouble,
On which your splendid drishti should be,
How did it get any heat?
Even in the winds, you are the only one, my boat is in your hands,
The one who saves Dhubto is my hand over you,
Without you there is no peace,
Flowers do not bloom of happiness,
Without your consent, not even a single address moves in this place.
There is darkness in you, oh my boat is in your hands,
The one who saves Dhubto is my hand over you,