तर्ज- में से बिना तेना साकी से….
जर से जमी से ना जन्नत से
ना जमाने से दिल बहलता है मेरा , बाबोसा के गुण गाने से
आप के गुण गाने से , आप के गुण गाने से
सुर से ,साजो से ही, सरगम पे गुनगुनाने से
दिल बहलता है मेरा आपके गुण गाने से
आपके गुण गाने से आपके गुण गाने से
ख्वाब में चुरू का नक्शा आ गया जब सामने ,
बाबोसा को मैने देखा नैन खुले तो लगा ढूँढने ,
जन्नत की बहारों से ना परियों के ,
मुस्कुराने से दिल बहलता है मेरा आपके गुण गाने से
आपके गुण गाने से आपके गुण गाने से
एक दिन में भी जाऊँगा ,बाबोसा दरबार मे
मंजू बाईसा का शैलू ,दिलबर संग पाऊँ,
आशीर्वाद में मोती से ना हिरो से ना जेवर से ,
ना किसी खजाने से
दिल बहलता है मेरा आपके गुण गाने से ,
आपके गुण गाने से आपके गुण गाने से,
आपके आ जाने से आपके आ जाने से
जर से जमी से ना जन्नत से
ना जमाने से दिल बहलता है मेरा ,
आप के गुण गाने से
आप के गुण गाने से , आप के गुण गाने से
।।रचनाकार।।
दिलीप सिंह सिसोदिया
From the lines- se without tena saki….
From the ground nor from heaven
Na Zameen se dil bahlta hai mine, by singing the praises of Babosa
By singing your praises by singing your praises
By singing on the sargam
My heart beats by singing your praises
By singing your virtues by singing your virtues
The map of Churu came in the dream when in front,
When I saw Babosa open my eyes, I started to find it,
From the springs of paradise, nor of the fairies,
Smiling makes my heart flutter with singing your praises
By singing your praises by singing your praises
I will go in a day too, to Babasah’s court
Shailu of Manju Baisa can be found with Dilbar.
In blessings neither from pearls nor with jewels,
from any treasure
My heart flutters with singing your praises,
By singing your praises by singing your praises,
when you come by you come
From the ground nor from heaven
My heart flows since time immemorial,
by singing your praises
By singing your praises by singing your praises
..Creator..
Dilip Singh Sisodia