एहसान तेरे इतने कैसे प्रभु चुकाऊ,
इतना दिया है तुमने क्या क्या प्रभु गिनाऊ,
एहसान तेरे इतने कैसे प्रभु चुकाऊ,
गुजारी थी ज़िंदगानी सुख चैन खो गया था,
सोइ हुई थी किस्मत दिल मेरा रो रहा रहा,
तुम को सब पता है
तुमसे क्या मैं छिपाऊं,
एहसान तेरे इतने कैसे प्रभु चुकाऊ,
लायक नहीं था फिर भी लायक मुझे बनाया,
गलती की माफ़ी देके चरणों में है बिठाया,
तेरी दया के किस्से सब को ही मैं सुनाऊ,
एहसान तेरे इतने कैसे प्रभु चुकाऊ,
सपने हुए है पुरे ना कोई अब कमी है,
कर जोड़ के प्रभु जी बस प्राथना यही है,
कभी भूल से भी मोहित तुम को न भूल पाउ,
एहसान तेरे इतने कैसे प्रभु चुकाऊ,
How can I repay the favor of you Lord,
You have given so much, can you count, Lord?
How can I repay the favor of you Lord,
Life had passed, happiness was lost,
Luck was asleep, my heart was crying,
you know everything
what should i hide from you,
How can I repay the favor of you Lord,
Was not worth yet made me worth,
Forgiveness of the mistake is placed at the feet,
I will narrate the tales of your kindness to everyone,
How can I repay the favor of you Lord,
Dreams have been fulfilled or no one is lacking now,
Lord, this is just prayer by adding taxes.
Never be able to forget you fascinated even by mistake,
How can I repay the favor of you Lord,