गफलत में सोने वाले यु खुद से बेखबर है,
क्या ये तुझे खबर है मंजिल तेरी किधर है,
किस काम को ए मनवा दुनिया में है तू आया,
दीहरा जनम को तूने एसे ही क्यों गवाया,
फिर ये जनम दोबारा मिलता नही बर्षर है,
गफलत में सोने …….
खुद को खुदा से बन्दे कैसे छुपाये गा तू,
इस्वर कहा नही है किस को रिजाये गा तू,
तेरे हर एक कर्म पे भगवान की नजर है,
क्या ये तुझे खबर है …….
कर काम कुछ तू ऐसा हो अमर तेरा फषानाम,
सत्कार से हमेशा करे ये जमाना,
उल्त्फत से जो भी गुजरे,
अच्छा बही सफ़र है,
क्या ये तुझे खबर है …..
तू है जाहा मुसाफिर ये देश है बेगाना,
आया तू कहा से तुझको कहा है जाना,
हे ये जगत सराए तेरा नही ये घर है,
क्या ये तुझे खबर है …..
The one who sleeps in confusion is unaware of himself,
Is this news to you, where is your destination?
What work do you have in the world, you have come,
Why did you kidnap Dihra Janam like this?
Then this birth is not found again.
sleeping in error…….
How do you hide yourself from God?
God is not said, whom will you please?
God’s eyes are on your every action,
Is this news to you?
Do something like this, you are immortal, your fashanam,
Always do this era with hospitality,
Whoever went through the turmoil,
Nice journey,
Is this news to you?
You are the traveler, this country is Begana,
Where did you come from, where did you go?
O this world is not yours, this is your home,
Is this news to you?