नश्याम तुम्हारे विरह में ,
नही चैन जरा पाते है
तुम आये नही मन मोहन,
हमे वादे वो तड़पाते है
वादा भूल गए हमे छोड़ गए,
क्यों आप मेरा दिल तोड़ गए
कैसे हो कहा है माधव,
संदेश नही आते है
सूख गया नयनो का पानी,घाट हुई मैने ना जानी
प्रीत लगा पल पल पछतानी,किस को सुनाये हम प्रेम कहानी
घट घट सूना है तुम्हारे बिना, याद सपनो में आते हो
सूने पनघट श्याम पड़े है,यमुना तट वीरान पड़े है
ज्यो चंदा बिन रेन विहूनी,विन पानी ज्यो सरिता सुनी
यादो के सहारे मनोहर दिन रात बिताते है
वादा भूल गए हमे छोड़ गए———
लेखक- मनोहर महाराज तालबेहट
Nashyam without you,
no rest a little
You haven’t come, Man Mohan,
We are tormented by promises
Forgot the promise, left us
why did you break my heart
How are you said Madhav,
message does not arrive
The water of the eyes dried up, I did not know the ghat
Preet felt pal pal repent, to whom should we tell love story
Nothing is lost without you, remembering comes in dreams
The deserted clouds are lying dark, the banks of Yamuna are deserted.
Jyo Chanda Bin Rain Vihuni, Win Pani Jyo Sarita Suni
Happy days and nights are spent with the help of memories
Forgot the promise left us———
Author – Om Manohar Maharaj Talbehat