गुरा ने मेरी बांह फड़ ली

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जदो दुनिया ने मेथो अख फेरी गुरा ने मेरी बांह फड़ ली,
मेरी तार दिति दुभ्दी होइ वेहड़ी,
गुरा ने मेरी बांह फड़ ली

ठोकरा ही मारियाँ सी जदो एह समज ने,
डिग गयो उठाया दुगरी वाले महा राज ने,
सिर झूल गई सी दुख दी हनेरी,
गुरा ने मेरी बांह फड़ ली

रेहमत ओह्दी दा किदा करा शुकराना मैं,
कौन मेरे गुरु जी जेहा घूमियाँ ज़माना वे,
साहनु तारया रता न लाइ देरी,
गुरा ने मेरी बांह फड़ ली

जान दा सी कौन तेरी प्रीत बलिहार नु,
चरनी लगा के दिता माँ सेवा दार नु,
बिना नाम दे घडी न लेंगे मेरी,
गुरा ने मेरी बांह फड़ ली

Jado duniya ne metho aakh pheri Guru ne meri baah phad li,
Meri tar diti dubhdi hoi vehdi,
Guru took my arm

Thokra hi mariyan si jado eh samaj ne,
Dig Gayo Uthaya Dugri Wale Maha Raj Ne,
Sir Jhul Gayi Si Dukh Di Haneri,
Guru took my arm

Rehmat Ohdi Da Kida Kara Shukrana Main,
Kaun Mere Guru Ji Jeha Ghoomiyan Zamana Ve,
Sahanu Taraya Rata Na Lai Deri,
Guru took my arm

Jaan Da Si Kaun Teri Preet Balihar Nu,
Charni Laga Ke Dita Maa Seva Dar Nu,
Bina Naam De Ghadi Na Leenge Meri,
Guru took my arm

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