हार के मैं आया हूँ तेरे दरबार में
तेरे ही भरोसे चलती भगतों की नाव रे
सुना तेरी चौखट पे कोई नहीं हारा है
यही सुनकर तो बाबा दास तेरा आया है
लाज मेरी रखना बाबा अपने खाटू धाम में
तेरे ही भरोसे चलती भगतों की नाव रे
आज अपने दिल की बात भक्त बताएगा
भजनो की गंगा से वो तुमको रिझायेगा
आज सुनवाई होगी सांचे दरबार में
तेरे ही भरोसे चलती भगतों की नाव रे
दुनिया में डंके बजते बाबा तेरे नाम के
कुछ तो हक़ीक़त होगी तेरे खाटू धाम में
संजीव की दुनिया बाबा तेरे चरणों धाम में
तेरे ही भरोसे चलती भगतों की नाव रे
I have come to your court in defeat
The boat of Bhagat’s moving on your own trust
Heard no one has lost on your doorstep
Hearing this, Baba Das has come to you.
Laj my keep baba in his Khatu Dham
The boat of Bhagat’s moving on your own trust
Today the devotee will tell about his heart
He will woo you with the Ganges of Bhajans
Today the hearing will be held in the court of mold
The boat of Bhagat’s moving on your own trust
Baba your name ringing in the world
Something will be true in your Khatu Dham
Sanjeev’s world Baba at your feet
The boat of Bhagat’s moving on your own trust