हर और उजाला है हर और दीवाली है,
इंसान तेरी दिल की क्यों चादर काली है,
हर जगहे खड़ी कर दी नफरत की दीवारे,
मिलने ही नहीं देती दौलत की दीवारे,
चेहरा मासूम तेरा दिल रेहम से खाली है,
इंसान तेरी दिल की क्यों चादर काली है,
मंदिरो की चोटी तो ऊंची उठवाता है
भूख तो तेरे दर से भूख ही जाता है,
क्यों असल शक्ल अपनी परदे में छुपा ली है,
इंसान तेरी दिल की क्यों चादर काली है,
चल उस मर्यादा पर श्री राम ने जो पा थी,
ना बाधा डाल सके तूफ़ान कोई आंधी,
संतोष का धन है जहां बहा न कंगाली है,
इंसान तेरी दिल की क्यों चादर काली है,
मद सारे ही गंदे है मद पान नहीं करना,
एह कवर किसी शह का अभिमान नहीं करना,
फल आते है तरुवर पे झुक जाती डाली है,
इंसान तेरी दिल की क्यों चादर काली है,
Every and there is light, every and there is Diwali,
Man why is the sheet of your heart black,
Everywhere the walls of hatred have been raised,
The walls of wealth do not allow to meet,
Face innocent, your heart is empty of reham,
Man why is the sheet of your heart black,
The top of the temples is raised high
Hunger goes hungry at your rate,
Why is the real face hidden in its veil?
Man why is the sheet of your heart black,
Come on that limit, what Shri Ram had achieved,
No storm can hinder no storm,
There is wealth of contentment, where there is no waste,
Man why is the sheet of your heart black,
All the items are dirty, do not drink the item,
Eh cover not to be proud of any testimonies,
Fruits come, the branch leans on the tree,
Man why is the sheet of your heart black,