हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में,
मिलती है तन्खा मुझे बारश में,
दो दिन के बदले में तीस दिनों तक मौज करू,
अपने ठाकुर की सेवा भजनो से रोज करू,
रहता है तू सदा भक्तो के वश में,
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में,
दो आंसू जब बह जाते है चरणों में तेरे,
करता है घर की रखवाली जा कर तू घर मेरे,
झूठी ना खता हु दर पे मैं कस्मे,
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस में
दुनिया की हर मौजे छूटे ग्यारस न छूटे,
श्याम के संग हर बार तेरे दर की मस्ती लुटे,
मिल गया तू मुझे भजनो के रस्मे,
हाज़री लिखवाता हूँ हर ग्यारस मेंस्वरसंजय मित्तल
I get the attendance written in every eleven,
I get a tank in the rain,
In lieu of two days, I will have fun for thirty days.
Serve my Thakur daily with bhajans,
You are always under the control of the devotees.
I get the attendance written in every eleven,
When two tears are shed at your feet,
You go home guarding my house,
I don’t lie, I swear at the rate,
I write attendance every year
Don’t miss all the pleasures of the world,
With Shyam, every time you spend the fun of your rate,
I got you the rituals of bhajans,
I get the attendance written every year by swarsanjay mittal