हे जगतपिता जग रखवाले हम को भी पार लगा देना,
तुम सोमये सुधा रस बरसा कर जीवन में प्यार जगा देना,
तूने संसार रच्या है कही धुप कही पर छाया है,
तेरी अजब निराली माया है जीवन का सार जगा देना,
हे जगतपिता जग रखवाले….
मधूलोब मोह और प्रेस हरो जग जग के विघन कलेश हरो,
नारायण से नर भेश धरो सोया संसार जगा देना,
हे जगतपिता जग रखवाले
सगरे जग में उजियारा हो बहती अमृत की धरा हो,
बस थोड़ी दूर किनारा हो आकर पतवार लगा देना,
हे जगतपिता जग रखवाले
इंसा इंसा में प्रीत रहे ओ देश धर्म की जीत रहे,
बस कभी ये जन यी रीत रहे सुना अन्धकार भगा देना,
हे जगतपिता जग रखवाले
O world’s father, who keeps the world, put us too across,
You wake up love in life by showering sudha juice.
You have created the world, where there is a shadow somewhere in the sun,
Your wonderful strange Maya is to awaken the essence of life,
O world’s father, the keepers of the world….
Madhulob Moh and Press Haro, the destruction of the world of the world, Haro,
Wearing a male disguise as Narayan, wake up the sleeping world,
O world father
May there be light in the whole world, the land of nectar flowing,
Just come to the shore a little farther and put the rudder,
O world father
Be loved in insa insa, may the country be victorious in religion,
Just heard this people’s way of life, drive away the darkness,
O world father