पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के
अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के
मंज़िल पे आया मुल्क हर बला को टाल के
सदियों के बाद फिर उड़े बादल गुलाल के
हम लाए हैं तूफ़ान से कश्ती निकाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
तुम ही भविष्य हो मेरे भारत विशाल के
इस देश को रखना मेरे बच्चों सम्भाल के
देखो कहीं बरबाद ना होए ये बगीचा
इसको हृदय के खून से बापू ने है सींचा
रक्खा है ये चिराग़ शहीदों ने बाल के, इस देश को…
दुनिया के दांव पेंच से रखना ना वास्ता
मंज़िल तुम्हारी दूर है लम्बा है रास्ता
भटका ना दे कोई तुम्हें धोखे में डाल के, इस देश को…
ऐटम बमों के जोर पे ऐंठी है ये दुनिया
बारूद के इक ढेर पे बैठी है ये दुनिया
तुम हर कदम उठाना ज़रा देख भाल के, इस देश को…
आराम की तुम भूल भुलय्या में ना भूलो
सपनों के हिंडोलों पे मगन होके ना झूलो
अब वक़्त आ गया है मेरे हँसते हुए फूलों
उठो छलाँग मार के आकाश को छू लो
तुम गाड़ दो गगन पे तिरंगा उछाल के, इस देश को…
संगीत – हेमंत कुमार
गीतकार – ” कवि प्रदीप “
The dice are all reversed according to the enemy’s move.
The letters all turned to the spear of India
The country came to the destination by avoiding every bull
After centuries, again the clouds of Gulal
We have brought the boat out of the storm
To take care of this country my children
You are the future of my vast India
To take care of this country my children
Look, this garden should not be wasted anywhere
Bapu has irrigated it with the blood of the heart.
This lamp is lit by the martyrs of the child, this country…
Don’t care about the world’s bets
your destination is far away
Don’t let anyone mislead you by deceiving this country…
This world is on the edge of atom bombs
This world is sitting on a pile of gunpowder
Take care of every step you take, take care of this country…
Don’t forget the rest of you in the maze
Do not swing by being engrossed in the carousels of dreams
Now the time has come for my laughing flowers
get up and jump and touch the sky
You bury the tricolor on the sky, make this country…
Film – Jagriti (1954)
Lyricist – “Kavi Pradeep”