मैया रानी अपने भक्तो के दुखड़े हर लेती है,
जब मैया किरपा करती है तो भंडारे भर देती है,
शरधा से दरबार में आउ,
भाव से फिर जयकारा लगाओ,
इक बार जयकारा लगाओ,
सब कष्टों से मुकती पाओ,
रंक बने राजा पल भर में ऐसा कर्म कर देती है,
जब मैया किरपा करती है तो भंडारे भर देती है,
जो भी माँ की शरण में आया उस ने मन वंचित फल पाया,
एक नजरियां फेर के माहि पीड़ा सब हर लेती है,
शार्दुल और लव सूरए में मैया बल भुधि भर देती है,
जब मैया किरपा करती है तो भंडारे भर देती है,
Maya Rani takes away the sorrows of her devotees,
When Maya grumbles, she fills the bhandara,
Come to the court from Sharadha,
Cheer with emotion again,
shout once,
be free from all troubles,
A king who becomes a rake does such a deed in a moment,
When Maya grumbles, she fills the bhandara,
Whoever came in the shelter of the mother, got the fruit of the mind deprived,
With one glance, the pain takes away everything,
In Shardul and Luv Surae, Maya fills with force,
When Maya grumbles, she fills the bhandara,