जब याद तुम्हारी आती है मेरा जी भर भर आता है,
मैं पल पल तुम्हे भुलाती हु तुम आते हो मुस्काते हो,
मुस्काकर फिर छिप जाते हो क्या यही तुम्हे सुहाता है,
ये कैसी यह निस्ठुरता है हाय कैसी यह बेदर्दी है,
या यह क्रंदन भी झूठ है जो तुम तक पहुच न पता है,
जब याद तुम्हारी आती है………………
हे प्रीतम प्रानाअधार हरे हे मोहन नन्द कुमार हरे,
एक बार तो आकर अपनालो अब तुम बिन रहा न जाता है,
जब याद तुम्हारी आती है………………
न कोई अपना है जग में न कोई पराया लगदा है,
इस दासी का तो बस केवल एक श्याम तुम्ही से नाता है,
जब याद तुम्हारी आती है …………………स्वरविनोद अग्रवाल
When I remember you, my whole life comes to me,
I forget you moment by moment, you come and smile,
You hide again by smiling, is this what you like?
How is this cruelty, how is this cruelty?
Or this cry is also a lie which does not know to reach you,
When I miss you…………..
O Pritam Pranadhar Hare, O Mohan Nand Kumar Hare,
Come and adopt once, now you can’t stay without me,
When I miss you…………..
No one is own, nor is there any alien in the world,
There is only one shyam related to this maidservant,
When I miss you………………….Swarvinod Agarwal