जय अग्रसेन महाराज तेरी महिमा भारी
बजता डंका जग में पूजे दुनिया सारी
जय अग्रसेन महाराज…………….
महाभारत के रण में कन्हैया के साथ थे
सुना है गरीबों के तुम्ही दीनानाथ थे
तेरे वंश पे लक्मी का उपकार है भारी
जय अग्रसेन महाराज…………….
ईंट एक रूपया लेकर किया कल्याण था
सारे गुणों के धारी नहीं अभिमान था
सुर नर मुनि गण भी थे तेरे आभारी
जय अग्रसेन महाराज…………….
अग्रोहा में लगता जैसे आज भी बसेरा है
मिलता है सब कुछ दर से बना जो भी तेरा है
राजू पर भी भगवन करो नज़र तुम्हारी
जय अग्रसेन महाराज…………….
Jai Agrasen Maharaj Teri Mahima Bhari
Worship the whole world in the ringing world
Jai Agrasen Maharaj…………….
Was with Kanhaiya in the battle of Mahabharata
I have heard that you were Dinanath of the poor.
Lakmi’s gratitude is heavy on your lineage
Jai Agrasen Maharaj…………….
Brick was done by taking one rupee
was not proud of all the virtues
Sur Nar Muni Gana was also grateful to you
Jai Agrasen Maharaj…………….
Looks like there is a shelter in Agroha even today
everything is made at the rate whatever is yours
God’s eyes on Raju too
Jai Agrasen Maharaj…………….