जय बजरंगी जय हनुमाना,
तुम को प्रभु जी जग ने माना,
जय बजरंगी जय हनुमाना,
राम प्रभु की मुर्दिका लेकर मिले सीता को लंका में दे कर,
हाल सुनाया मन भर आया,
माँ सीता के चरणों को छू कर,
पूजे तुम्हको सारा ज़माना,
जय बजरंगी जय हनुमाना…..
लक्षण जी को मुरशा ने गेरा,
रात बहुत थी दूर था सवेरा,
संजीवनी तुम लेकर आये मुरशा टूटी चमका चेहरा,
मन मंदिर में आके समाना,
जय बजरंगी जय हनुमाना,
सीता मुक्ति का परन लिया था,
रावण ने जब एहम किया था,
तुमने लंका दहन किया था,
वविशन को वरदान दिन था,
तब वो तुम्हारी शक्ति को जाना,
जय बजरंगी जय हनुमाना,
Jai Bajrangi Jai Hanumana,
Lord ji the world has accepted you,
Jai Bajrangi Jai Hanumana,
By taking the corpse of Lord Rama and giving Sita to Lanka,
Recently narrated came to my mind,
By touching the feet of Mother Sita,
Worship you all the world,
Jai Bajrangi Jai Hanumana…..
Mursha killed Lakshmanji,
The night was long, the morning was far away,
You brought Sanjivani, Mursha’s broken shining face,
Coming to the temple of mind,
Jai Bajrangi Jai Hanumana,
Sita had taken the promise of liberation,
When Ravana did aham,
You burnt Lanka
Vivishan had a boon day,
Then he will know your power,
Jai Bajrangi Jai Hanumana,