जिस ने भी मेरे श्याम को दिल से सजा लिया,
जीवन को उसके श्याम ने सूंदर बना दियां,
जिस ने भी मेरे श्याम को दिल से सजा लिया,
सिर पे पगड़ी बाबा के भगतो की आन है,
इज्जत अपनी भगतो की बाबा की शान है,
उस पगड़ी की आन को जिसने बड़ा दियां,
जीवन को उसके श्याम ने सूंदर बना दियां,
ये भागा गेर घुमेर जो बाबा ने लपेटा है,
उस गेरे में भक्तो के दर्दो को समेटा है,
उनके दुखड़े मेरे श्याम को जिस ने सुना दिया,
जीवन को उसके श्याम ने सूंदर बना दियां,
कानो में कुण्डल बाबा के यु ही न चमकता है,
इस कुण्डल में भक्तो का विश्वाश चमकता है,
श्री चरणों में इस शीश को जिसने झुका दियां,
जीवन को उसके श्याम ने सूंदर बना दियां,
फागण का मेला बाबा यु ही ना लगता है,
शुभम रूपम इस मेले में विशडो को मिलता है,
फागण का मेला बाबा यु ही ना लगता है,
सौरव मधुकर इस मेले में विशडो को मिलता है,
केसरियां निशान श्याम का जिसने उठा लिया,
जीवन को उसके श्याम ने सूंदर बना दियां,
Whoever decorated my shyam with heart,
His shyness made life beautiful,
Whoever decorated my shyam with heart,
The turban on the head is the blessings of Baba’s devotees.
Respect is the pride of Baba of his devotees.
The one who raised the glory of that turban,
His shyness made life beautiful,
This is the ghumer that Baba has wrapped,
Contains the pains of the devotees in that geera,
The one who narrated their sorrows to my shyam,
His shyness made life beautiful,
The coil in the ears does not shine only because of Baba’s,
The faith of the devotees shines in this Kundal.
Whoever bowed this head at the feet of Mr.
His shyness made life beautiful,
Baba Yu doesn’t seem to have a fair of Phangan,
Shubham Roopam gets the wish in this fair,
Baba Yu doesn’t seem to have a fair of Phangan,
Saurav Madhukar gets the wishes in this fair,
Who took the saffron mark of Shyam,
His shyness made life beautiful,