जो सजा हुआ दरबार के दिखे बाला जी सुपने में,
मने राति दिखे बाबा भगमा वाने में,
मने बोली स्व मणि पी आया गी उलाने में,
उह की दया ते मिले रोजगार के दिखे बाला जी सुपने में,
जो सजा हुआ दरबार के दिखे बाला जी सुपने में,
चल मेहँदीपुर में बाबा की ज्योत की लगावे गे,
उड़े बाते लाडो ध्वजा लंगोट चढ़ावे गे,
माहरा जब उतरे गा बार के दिखे बाला जी सुनपे में,
जो सजा हुआ दरबार के दिखे बाला जी सुपने में,
सुने बाबा घाटे वाला करदे कमाल हो,
लाउ चरना में अरदास मो देदे लाल हो,
दिया साल होली एह चार के दिखे बाला जी सुपने में
जो सजा हुआ दरबार के दिखे बाला जी सुपने में,
सुन कपकं शर्मा इतनी करे मगरूरी क्यों,
करे पल में वारे न्यारे ना करे दुरी तू,
समजाओ मैं बारम बार,के दिखे बाला जी सुनपे में
जो सजा हुआ दरबार के दिखे बाला जी सुपने में,
Jo saja hua darbar ke dikhe bala ji supane me,
Mane Rati Dikhe Baba Bhagma Wane Mein,
Mane boli swa mani pi aya gi ulaane me,
Uh ki daya te mile rojgar ke dikhe bala ji supne me,
Jo saja hua darbar ke dikhe bala ji supane me,
Chal Mehndipur Mein Baba Ki Jyot Ki Lagave Ge,
Ude Bate Lado Dhwaja Langot Chadhave Ge,
Mahara jab utre ga bar ke dikhe bala ji sunpe me,
Jo saja hua darbar ke dikhe bala ji supane me,
Sune Baba Ghate Wala Karde Kamal Ho,
Lau Charna Mein Ardas Mo Dede Lal Ho,
Diya Sal Holi Eh Char Ke Dikhe Bala Ji Supne Mein
Jo saja hua darbar ke dikhe bala ji supane me,
Sun Kapkan Sharma Itni Kare Magruri Kyon,
Kare Pal Mein Ware Nyare Na Kare Duri Tu,
Explain I repeatedly, in the appearance of Bala Ji in Sunpe
Jo saja hua darbar ke dikhe bala ji supane me,